Sai SatCharitra

Monday 14 November 2016

एक ओंकार

एक ओंकार ( भगवान एक है )
सतनाम ( उसका नाम सच है )
करता पुरख ( वह सृष्टा है )
निर्भू ( वह अभय है )
निर्विकार ( वह दोष रहित है
अकाल ( मृत्यु वह अमर है )
अजुनी (उसका न आदि  है ना अंत है )
साईं भाग ( स्वयं प्रकाशमान है )
गुरू प्रसाद ( वह गुरु कृपा से प्राप्त हो सकता है )
जप  ( उसका नाम सिमरन करो )
आद सच ( वह अनंत काल से सत्य ह )
जुगाड़ सच (वः आज भी सत्य है)
है भी सच (वह आज भी सच है )

नानक होसी भी सच (गुरु नानक देव जी महाराज कहते हैं वह हमेशा सत्य रहेगा)

सतनाम वाहेगुरु

एक ओंकार ( भगवान एक है )
सतनाम ( उसका नाम सच है )
करता पुरख ( वह सृष्टा है )
निर्भू ( वह अभय है )
निर्विकार ( वह दोष रहित है
अकाल ( मृत्यु वह अमर है )
अजुनी (उसका न आदि  है ना अंत है )
साईं भाग ( स्वयं प्रकाशमान है )
गुरू प्रसाद ( वह गुरु कृपा से प्राप्त हो सकता है )
जप  ( उसका नाम सिमरन करो )
आद सच ( वह अनंत काल से सत्य ह )
जुगाड़ सच (वः आज भी सत्य है)
है भी सच (वह आज भी सच है )

नानक होसी भी सच (गुरु नानक देव जी महाराज कहते हैं वह हमेशा सत्य रहेगा)

सतनाम वाहे गुरु

Ik Onkar (God is One)
Sat Nam ( His name is True)

Kartaa Purakh (He is the Creator)

Nirbhau (He is without fear)

Nirvair (He is inimical to none)

Akal-murat (He never dies)

Ajooni (He is beyond births and
deaths)
Saibhang ( He is self illuminated)
Gurprasaad (He is realized by the
kindness of the True Guru)
Jap (Repeat His Name)
Aad sach (He is True in the
beginning, (before the anything
(universe) existed)
Jugaad sach (He was True when the
ages commenced and has ever been
True)
Hai bhi sach (He is also True now)
Nanak hosi bhi sach. (Satguru) Nanak
(says that) he will be certainly True
in the future.) —