*Akelaapan*
v/s
*Aikaant* from the Gita
Here goes a humble translation
Loneliness v/s Solitude
*'अकेलापन'* इस संसार में सबसे बड़ी सज़ा है.!
और *'एकांत'*
इस संसार में सबसे बड़ा वरदान.!!
Loneliness is the biggest punishment in this world!
And Solitude is the biggest gift/blessing!!
ये दो समानार्थी दिखने वाले
शब्दों के अर्थ में
. आकाश पाताल का अंतर है।
These two words appear so similar, yet cannot be more apart, like heaven and hell!
*अकेलेपन* में छटपटाहट है
तो *एकांत* में आराम है।
Loneliness is suffering, and Solitude is relaxing!
*अकेलेपन* में घबराहट है
तो *एकांत* में शांति।
Loneliness is fear and solitude is Shanti/peace!
जब तक हमारी नज़र
बाहरकी ओर है तब तक हम.
*अकेलापन* महसूस करते हैं
Till we look for solace in the outer world we will experience Loneliness!
और
जैसे ही नज़र भीतर की ओर मुड़ी
तो *एकांत* अनुभव होने लगता है।
But when you look for it within you, you start experiencing solitude!
ये जीवन और कुछ नहीं
वस्तुतः
*अकेलेपन* से *एकांत* की ओर
एक यात्रा ही है.!!
This life is nothing but a journey from loneliness to solitude!
ऐसी *यात्रा* जिसमें
*रास्ता* भी हम हैं, *राही* भी हम हैं
और *मंज़िल* भी हम ही हैं.!!
A journey, in which the path is us, the traveller is also us and so is the destination!!