Saturday 20 January 2018

0SH0 Quote on L0vE

"You were thinking all along that love brings togetherness. I am not saying that it does not bring togetherness, but unless you are alone you cannot be together. Who is going to be together? Two persons are needed to be together, two independent persons are needed to be together. A togetherness will be rich, infinitely rich, if both the persons are utterly independent. If they are dependent on each other, it is not a togetherness - it is a slavery, it is a bondage.
If they are dependent on each other, clinging, possessive, if they don't allow each other to be alone, if they don't allow each other space enough to grow, they are enemies, not lovers; they are destructive to each other, they are not helping each other to find their souls, their beings. What kind of love is this? It may be just fear of being alone; hence they are clinging to each other.

But real love knows no fear. Real love is capable of being alone, utterly alone, and out of that aloneness grows a togetherness."
~ 0SH0 ~

Thursday 18 January 2018

भारत के 29 राज्यों के        नाम याद रखने की ट्रिक

भारत के 29 राज्यों के
       नाम याद रखने की ट्रिक
तुलसीदास जी के दोहे में

राम नाम जपते अत्रि मत गुसिआउ।
पंक में उगोहमि अहि के छवि झाउ।।

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रा - राजस्थान      ! पं- पंजाब
म - महाराष्ट्र         ! क- कर्नाटक
ना - नागालैंड       ! मे- मेघालय
म - मणिपुर         ! उ- उत्तराखंड
ज - जम्मू कश्मीर  ! गो- गोवा
प - पश्चिम बंगाल   ! ह- हरियाणा
ते - तेलंगाना         ! मि- मिजोरम
अ - असम      अ- अरुणाचल प्रदेश
त्रि - त्रिपुरा      हि- हिमाचल प्रदेश
म - मध्य प्रदेश     ! के- केरल
त - तमिलनाडु     ! छ- छत्तीसगढ़
गु - गुजरात         ! बि- बिहार  
सि - सिक्किम     ! झा- झारखंड
आ- आंध्र प्रदेश   ! उ- उड़ीसा
उ - उत्तर प्रदेश    !

जय श्री राम

Monday 15 January 2018

श्रद्धा ~ एक कहानी


एक राजा ने भगवान कृष्ण का एक मंदिर बनवाया
और पूजा के लिए एक पुजारी को लगा दिया. पुजारी बड़े भाव से
बिहारीजी की सेवा करने लगे।
भगवान की पूजा-अर्चना और
सेवा-टहल करते पुजारी की उम्र बीत गई. राजा रोज एक फूलों की
माला सेवक के हाथ से भेजा करता था.पुजारी वह माला बिहारीजी
को पहना देते थे।
जब राजा दर्शन करने आता तो पुजारी वह माला बिहारीजी के गले से उतारकर राजा को पहना देते थे. यह रोज का
नियम था. एक दिन राजा किसी वजह से मंदिर नहीं जा सका।
उसने एक सेवक से कहा- माला लेकर मंदिर जाओ. पुजारी से कहना
आज मैं नहीं आ पाउंगा. सेवक ने जाकर माला पुजारी को दे दी और
बता दिया कि आज महाराज का इंतजार न करें. सेवक वापस आ
गया।
पुजारी ने माला बिहारीजी को पहना दी. फिर उन्हें विचार आया कि आज तक मैं अपने बिहारीजी की चढ़ी माला
राजा को ही पहनाता रहा. कभी ये सौभाग्य मुझे नहीं मिला.जीवन का कोई भरोसा नहीं कब रूठ जाए. आज मेरे प्रभु ने मुझ पर बड़ी कृपा की है. राजा आज आएंगे नहीं, तो क्यों न माला
मैं पहन लूं।
यह सोचकर पुजारी ने बिहारीजी के गले से माला उतारकर स्वयं पहन ली. इतने में सेवक आया और उसने बताया कि राजा की सवारी बस मंदिर में पहुंचने ही वाली है.यह सुनकर
पुजारी कांप गए. उन्होंने सोचा अगर राजा ने माला मेरे गले में देख
ली तो मुझ पर क्रोधित होंगे।
इस भय से उन्होंने अपने गले से
माला उतारकर बिहारीजी को फिर से पहना दी. जैसे ही राजा
दर्शन को आया तो पुजारी ने नियम अुसार फिर से वह माला
उतार कर राजा के गले में पहना दी. माला पहना रहे थे तभी राजा को माला में एक सफ़ेद बाल दिखा।
राजा को सारा माजरा समझ गया
कि पुजारी ने माला स्वयं पहन ली थी और फिर निकालकर
वापस डाल दी होगी. पुजारी ऐसा छल करता है, यह सोचकर राजा
को बहुत गुस्सा आया. उसने पुजारी जी से पूछा- पुजारीजी यह
सफ़ेद बाल किसका है.?
पुजारी को लगा कि अगर सच बोलता हूं
तो राजा दंड दे देंगे इसलिए जान छुड़ाने के लिए पुजारी ने कहा- महाराज यहसफ़ेद बाल तो बिहारीजी का है. अब तो राजा गुस्से
से आग- बबूला हो गया कि ये पुजारी झूठ पर झूठ बोले जा रहा
है.भला बिहारीजी के बाल भी कहीं सफ़ेद होते हैं.
राजा ने कहा-
पुजारी अगर यह सफेद बाल बिहारीजी का है तो सुबह शृंगार के
समय मैं आउंगा और देखूंगा कि बिहारीजी के बाल सफ़ेद है या
काले. अगर बिहारीजी के बाल काले निकले तो आपको फांसी हो जाएगी. राजा हुक्म सुनाकर चला गया।
अब पुजारी रोकर बिहारीजी से विनती करने लगे- प्रभु मैं जानता हूं आपके
सम्मुख मैंने झूठ बोलने का अपराध किया. अपने गले में डाली
माला पुनः आपको पहना दी. आपकी सेवा करते-करते वृद्ध हो
गया. यह लालसा ही रही कि कभी आपको चढ़ी माला पहनने का
सौभाग्य मिले।
इसी लोभ में यह सब अपराध हुआ. मेरे ठाकुरजी पहली बार यह लोभ हुआ और ऐसी विपत्ति आ पड़ी है. मेरे
नाथ अब नहींहोगा ऐसा अपराध. अब आप ही बचाइए नहीं तो
कल सुबह मुझे फाँसी पर चढा दिया जाएगा. पुजारी सारी रात रोते
रहे. सुबह होते ही राजा मंदिर में आ गया. उसने कहा कि आज
प्रभु का शृंगार वह स्वयं करेगा. इतना कहकर राजा ने जैसे ही मुकुट
हटाया तो हैरान रह गया।
बिहारीजी के सारे बाल सफ़ेद थे. राजा को लगा, पुजारी ने जान बचाने के लिए बिहारीजी के बाल रंग
दिए होंगे. गुस्से से तमतमाते हुए उसने बाल की जांच करनी
चाही. बाल असली हैं या नकली यब समझने के लिए उसने जैसे
ही बिहारी जी के बाल तोडे, बिहारीजी के सिर से खून
कीधार बहने लगी. राजा ने प्रभु के चरण पकड़ लिए और क्षमा
मांगने लगा।
बिहारीजी की मूर्ति से आवाज आई- राजा तुमने आज तक मुझे केवल मूर्ति ही समझा इसलिए आज से मैं तुम्हारे
लिए मूर्ति ही हूँ. पुजारीजी मुझे साक्षात भगवान् समझते हैं.
उनकी श्रद्धा की लाज रखने के लिए आज मुझे अपने बाल सफेद
करने पड़े व रक्त की धार भी बहानी पड़ी तुझे समझाने के लिए.
कहते हैं- समझो तो देव नहीं तो पत्थर.श्रद्धा हो तो उन्हीं पत्थरों में भगवान सप्राण
होकर भक्त से मिलने आ जाएंगे ।।

Monday 1 January 2018

Thought for the day ~

All living entities, moving and nonmoving, are My expansions and are separate from Me. I am the Supersoul of all living beings, who exist because I manifest them. I am the form of the transcendental vibrations like oṁkāra and Hare Kṛṣṇa Hare Rāma, and I am the Supreme Absolute Truth. These two forms of Mine—namely, the transcendental sound and the eternally blissful spiritual form of the Deity, are My eternal forms; they are not material. ~ Srimad Bhagavatam 6. 16. 51. ~
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे 
Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare
Hare Rama Hare Rama Rama Rama Hare Hare 🙏🌻

Blessings of Gurujee🙏🌻

प्रार्थना

जब भी आप  भगवान का ध्यान करे उनसे हमेशा यही प्रार्थना  करे
कि
हे प्रभु , अगर किसी समय मैं  आपकी उंगली  पकडनी  भूल जाऊँ  तो आप मेरी बाॅह पकडनी  मत भूलना

अगर मैं  आपको  कहीं  साथ चलने के लिए बोलना भूल जाऊं तो आप  स्वयं  मेरे साथ चलना मत भूलना